भोपाल। श्री राष्ट्रीय प्रताप फाउंडेशन भारत को भारत गौरव सम्मान एवं प्राइड आॅफ मध्यप्रदेश सम्मान मिला है, जिसकी शुरूआत 2019 को हुई यह एक ऐसी संस्था है जो निस्वार्थ भाव से युवाओं का जॉब के लिए मार्गदर्शन एवं मानव सेवा निस्वार्थ भाव से कर रही है। श्री राष्ट्रीय प्रताप फाउंडेशन भारत के प्रमुख राजेश सिंह राजपूत ने कहा कि रक्त का दान सबसे बड़ा दान होता है। रक्त के दान से किसी की जिंदगी बचाई जा सकती है।
हम सीहोर जिले के आष्टा तहसील के ग्राम कुमड़ावदा के एक ऐसे होनहार और समाजसेवी श्री राष्ट्रीय प्रताप फाउंडेशन भारत के प्रमुख राजेश सिंह राजपूत की बात कर रहे है, जिन्होंने एक माह के अंदर स्वयं सहित कई लोगों का रक्तदान करवाकर उनकी जान बचाई है। जिसके चलते प्रताप फाउंडेशन की ख्याति मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ तक फैली है। दूर दराज के लोग भी इस संस्था से मदद लेने पहुंच रहे है। श्री राष्ट्रीय प्रताप फाउंडेशन भारत के सदस्यों ने मानवता की एक मिशाल कायम की है और लगातार लोगों की मदद निस्वार्थ भाव से करते हुए अभी तक 40 से ज्यादा रक्तदान निशुल्क करवा चुके हंै, जो सबके लिए प्रेरणा का विषय है। श्री राष्ट्रीय प्रताप भारत के सभी सदस्य रक्तदान के लिए प्रेरित करने और लगातार रक्तदान करवाने के प्रयासों के चलते इंसानियत ब्लेसिंग फाउन्डेशन के द्वारा भारत गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया एवं प्राइड आॅफ मध्यप्रदेश सम्मान से नवाजा गया।
इंसान के अंदर लगन और मेहनत होना चाहिए : अगर कोई भी इंसान के अंदर लगन और मेहनत करने की क्षमता हो तो वो किसी भी मंजिल को असानी से हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि हिम्मत कभी नहीं हारना चाहिए, जीवन में उतार चढ़ाव बहुत आते है। ये बातें राजेश राजपूत ने कही। उन्होंने कहा मैंने शुरू में ही ठान लिया था कि रक्तदान कर लोगों की मदद करने से बड़ा कोई काम हो ही नहीं सकता। पहले मैंने खुद रक्तदान किया और इसके बाद मेरे मित्रों और समाज के लोगों से रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। धीरे-धीरे लोग प्रताप फाउंडेशन से जुड़ते गए और अभी तक 40 से अधिक लोग रक्तदान कर चुके है। आने वाले समय में श्री राष्ट्रीय प्रताप फाउंडेशन भारत के सदस्यों द्वारा शिविर लगाकर भी रक्तदान किया जाएगा और रक्तदान के लिए लोगों को भी प्रेरित करेंगे। एवं आर्थिक पिछड़े परिवार के बच्चों को निशुल्क शिक्षा सामग्री वितरण की जाएगी।
रक्तदान करने से नहीं आती कमजोरी : उन्होंने कहा लोगों को भ्रांतियां दूर करनी चाहिए। किसी की जिंदगी बचाने के लिए रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। रक्तदान द्वारा किसी को नवजीवन देकर जो आत्मिक आनन्द मिलता है उसका न तो कोई मूल्य आंका जा सकता है न ही उसे शब्दों में व्यक्त किया जा सकता है। अत: आप भी नियमित रूप से स्वैच्छिक रक्तदान करें, जिससे रक्त की हमेशा उपलब्धता बनी रहे। कोई सुहागिन विधवा न बने, वृद्ध मां-बाप बेसहारा न हो, खिलता यौवन असमय ही काल कलवित न हो, आज किसी को आपके रक्त की आवश्यकता है, हो सकता है कल आपको किसी के रक्त की आवश्यकता हो अत: निडर होकर स्वैच्छिक रक्त दान करें। इस मानव सेवा में मेरा अकेला का योगदान नहीं मेरे साथी दादा भाई मंगल सिंह जोधा राजस्थान, राकेश सिंह डोडिया,संजय सिंह राजपूत, नरेश राजपूत, धर्मेन्द्र राजपूत, संदीप प्रजापति ,आनन्द सिंह, विकास सिंह, रामस्वरूप, राकेश सिंह, राघवेंद्र आदि सभी साथी का योगदान रहा।