TIO, सहरसा
बिहार के सहरसा में जिस दुर्गा मंदिर में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार पहुंचे थे। उस मंदिर के प्रांगण को स्थानीय युवाओं ने गंगाजल से धोया है। पलायन रोको-नौकरी दो पदयात्रा के दौरान कन्हैया कुमार मंगलवार की देर रात बनगांव पहुंचे थे। बनगांव के दुर्गा मंदिर प्रांगण में कन्हैया कुमार ने एक सभा को संबोधित किया था। इसके बाद बुधवार को स्थानीय युवकों ने जहां कन्हैया ने भाषण दिया था। उस जगह को को गंगाजल से धोया। नगर पंचायत बनगांव के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि अमित चौधरी के नेतृत्व में विष्णु, माखन, आनंद, सूरज, सरोज और बादल ने मंदिर प्रांगण को गंगाजल से धोया। युवकों का कहना है कि कन्हैया कुमार पर पहले देशद्रोह का आरोप लग चुका है और उनके विवादित बयान सभी को याद हैं।
गौरतलब है कि मंगलवार की देर रात बनगांव के भगवती स्थान पर स्थानीय लोगों और कांग्रेस कार्यकतार्ओं ने कन्हैया कुमार का पारंपरिक पाग, चादर और माला पहनाकर स्वागत किया था। अगले ही दिन युवकों ने इस जगह की गंगाजल से सफाई की है। अब इस मुद्दे पर विवाद हो गया है। कांग्रेस ने कहा है कि क्या गैर बीजेपी पार्टियों के समर्थकों को अब ‘अछूत’ माना जाएगा। वहीं बीजेपी ने कहा है कि ये घटना दिखाती है कि लोग कन्हैया कुमार की राजनीति को खारिज कर रहे हैं।
मंदिर की सफाई
कांग्रेस प्रवक्ता कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन गुप्ता ने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि क्या सिर्फ आरएसएस और बीजेपी समर्थक ही धार्मिक लोग हैं और बाकी लोग अछूत हैं। इस कृत्य ने भगवान परशुराम के वंशजों का अपमान किया है। क्या हम अति-संस्कृतिकरण के एक नए दौर में प्रवेश कर चुके हैं जिसमें गैर-बीजेपी दलों और समर्थकों को अछूत माना जाएगा?” वहीं कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया है।
हालांकि, भाजपा प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा है कि, “सबसे पहले, हमें कन्हैया कुमार के दौरे के बाद मंदिर को धोने वालों की पहचान सत्यापित करनी चाहिए। और अगर कांग्रेस नेता के दौरे के बाद मंदिर को धोया जाता है, तो यह कन्हैया कुमार की राजनीति के ब्रांड के प्रति अस्वीकृति को दशार्ता है।” बनगांव के स्थानीय लोगों ने कहा कि इस मंदिर में सभी समुदाय और वर्ग के लोग जाते हैं। इन लोगों ने इस घटना पर हैरानी जताई है। बता दें कि कन्हैया कुमार अभी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लायन रोको-नौकरी दो पदयात्रा पर है। इस यात्रा का पहला चरण 16 मार्च को पश्चिमी चंपारण से शुरू हुआ है और इस अभियान की समाप्ति 31 मार्च को किशनगंज में होगी।