TIO, सुपौल
आज का यह कार्यक्रम हम सबके लिए संकेत है कि जो दुर्भाग्य के दिन हैं, अब बदलने वाले हैं। किसी भी कार्य की सफलता के लिए अलग-अलग प्रकार के विविध प्रयास करना पड़ता है। हमें लोक कल्याण की भावना को लेकर कार्य करना चाहिए। कार्य की सफलता के लिए पुरुषार्थ करना होगा। यह बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ मोहन मधुकर राव भागवत ने सुपौल के वीरपुर में कही। वह बिहार के पांच दिवसीय दौरे पर गुरुवार को सुपौल के वीरपुर पहुंचे थे। जहां सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाग्य को अनुकूल बनाने के लिए हमें योग्य कर्ता बनाना होगा।
समाज की सहायता से विद्या भारती देश भर में 21 हजार विद्यालयों का संचालन कर रही है। हमारे आचार्य और आचार्या केवल आजीविका के लिए नहीं पढ़ाते हैं। न ही हमारे छात्र अपना पेट भरने के लिए सीखते हैं। मैं सबका पेट भर सकूं, इसी भावना से विद्या भारती के विद्यालय में छात्र तैयार किए जाते हैं। हमारे एक शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी शिक्षा तीन ट्रिलियन डॉलर की चीज है। लेकिन हमारे देश में शिक्षा को पैसे से गिनने की परंपरा नहीं है। ज्ञान के भागी सभी हैं। जो जिज्ञासु हैं और ज्ञान प्राप्ति के लिए परिश्रम करता है, उसको शिक्षा मिलनी चाहिए। जो सक्षम नहीं हैं, उन्हें सहयोग प्रदान कर शिक्षित करने की आवश्यकता है। मनुष्य सृष्टि का सबसे बुद्धिमान प्राणी है, इसलिए शिक्षा पाने का अधिकार सबको है। शिक्षा का सही उपयोग होना जरूरी है। शिक्षा का उद्देश्य केवल धन कमाना नहीं, बल्कि मनुष्य को मनुष्य बनाना है। आज मनुष्य मंगल और चंद्रमा पर बसने की योजना बना रहा है, लेकिन उसे अभी भी पूर्ण सुख, समाधान और संतोष नहीं है। उन्होंने विज्ञान और तकनीक के दुरुपयोग की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज पर्यावरण को क्षति पहुंचाई जा रही है, विध्वंसक हथियार बनाए जा रहे हैं, जिससे पूरी दुनिया संकट में है।
पर्यावरण को ध्यान में रख कर होना चाहिए मनुष्य का विकास
सरसंघचालक ने कहा कि मनुष्य को राष्ट्र एवं विश्व कल्याण के भाव से कार्य करना चाहिए। मनुष्य ने काफी प्रगति कर लिया है। लेकिन मनुष्य सुखी रहे पर्यावरण की हानि ना हो, ऐसा कार्य होना चाहिए। भारत ने हजारों वर्षों से विश्व को रास्ता दिखाया है। हमें ऐसी खेती की आवश्यकता है, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहे। हमें आत्मविश्वास से भरने वाला सुसंस्कारित बालकों का निर्माण करना होगा। ऐसी शिक्षा देने के लिए विद्या भारती कार्य कर रही है।
बिहार से पुराना नाता, यहां आना छठ पर्व जैसा
डॉ. भागवत ने बिहार से अपने पुराने रिश्ते को याद करते हुए कहा कि वह छह वर्षों तक आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक के रूप में बिहार में कार्य कर चुके हैं। कहा कि वह अपनी व्यस्तता के कारण अब पहले की तरह समय नहीं निकाल पाते, लेकिन उन्होंने छठ पर्व से इसकी तुलना करते हुए कहा, जिस तरह बिहार के लोग छठ पूजा में अपने घर आते हैं, उसी तरह मेरे लिए आज वीरपुर आना छठ पर्व जैसा है।
केवल पेट भरने के लिए आवश्यक नहीं होती शिक्षा
डॉ. भागवत ने कहा कि विद्या भारती द्वारा देशभर में 21 हजार विद्यालय समाज के सहयोग से संचालित हैं। उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर विद्या भारती को सहायता देने की मांग की थी। इसके बाद जब संयुक्त राष्ट्र ने सर्वे में पाया कि विद्या भारती को 20 मिलियन क्लब का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। यह संस्थान 20 मिलियन लोगों को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल सीखने और सिखाने तक सीमित नहीं होनी चाहिए। हमारे देश में शिक्षा को धन कमाने के पैमाने से नहीं आंका जाता। ज्ञान की प्राप्ति के लिए परिश्रम आवश्यक है। केवल पेट भरने के लिए शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती।
चार घंटे 45 मिनट तक वीरपुर में रहे सरसंघचालक
आरएसएस के सरसंघचालक डॉ मोहन मधुकरराव भागवत का गुरुवार को कोसी प्रमंडल में पहला दौरा था। जहां दिन के 11:30 बजे सड़क मार्ग से पहुंचे मोहन भागवत 4 घंटे 45 मिनट तक रुके। सर्वप्रथम उन्होंने वीरपुर में विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन सह लोकार्पण वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ एवं नारियल फोड़कर किया। इस दौरान इंडो-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। वही बिहार के विभिन्न जिलों में संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के बच्चे एवं शिक्षकों ने भाग लिया। विभिन्न जिलों से आए बच्चे ने लोक नृत्य, अहिल्याबाई जीवन पर आधारित ऐतिहासिक लघु फिल्म की प्रस्तुति की। साथ ही स्वागतम शुभ बन्दनम…. स्वागत गीत के साथ मुख्य अतिथि का स्वागत किया। मंचासीन मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को मधुबनी पेंटिंग की अंगवस्त्र स्वरूप भेंट किया गया। वही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम थे। इंडो-नेपाल बॉर्डर पर कार्यरत सुरक्षा एजेंसी एसएसबी भी पूरी तरह चौकस दिखी।