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राजस्थान के सीकर में खाटू श्याम मंदिर में मची भगदड़ में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार घटना सोमवार तड़के की है। खबरों के मुताबिक खाटू श्याम मंदिर के प्रवेश द्वार पर आज सुबह करीब पांच बजे भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। इस घटना में तीन महिलाओं की मौत हो गई, जबकि तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के कारण कई अन्य श्रद्धालु घायल हो गए।

घायलों में से दो को इलाज के लिए जयपुर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीकर के खाटू श्यामजी मंदिर में मची भगदड़ में मृतकों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 20-20 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

स बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख जताया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर कहा, “राजस्थान के सीकर में खाटू श्यामजी मंदिर परिसर में मची भगदड़ में लोगों की मौत से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि जो लोग घायल हुए हैं, वे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।”

सीकर में खाटू श्यामजी का मंदिर

खाटूश्यामजी का मंदिर शहर के मध्य में बना हुआ है। इसमें पूजा के लिए एक बड़ा हॉल है, जिसे जगमोहन के नाम से जाना जाता है। गर्भगृह के द्वार और उसके आसपास को चांदी की परत से सजाया गया है। गर्भगृह के अंदर बाबा का सिर है। शीश को हर तरफ से खूबसूरत फूलों से सजाया गया है। मंदिर के बाहर भक्तों के लिए एक बड़ा मैदान है। वीर बर्बरीक (श्याम बाबा) द्वापर युग भीमसेन और नाग कन्या अहिलावती (बसाक/बासुकी नाग की पुत्री) के पुत्र हैं। खाटूश्यामजी को कलियुग का देवता माना जाता है, जो कलियुग के अंतिम चरण में आने के बाद अवतार (भगवान विष्णु का 10 वां अवतार) या अवतार करेंगे, तब तक उन्हें खाटू श्यामजी के रूप में पूजा जाता था। श्यामजी कृष्ण के पर्याय हैं और इस प्रकार, उनकी उसी रूप में पूजा की जाती है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER