TIO, गाजा।

इस्राइल और हमास के बीच जारी जंग को एक साल होने वाला है। इस्राइल द्वारा हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। वहीं, हमास भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। इन सबके बीच, इस्राइली सेना ने दक्षिण गाजा में एक हमले में हमास के तीन टॉप कमांडरों को ढेर करने का दावा किया है।

गाजा में स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस्राइली सेना के इस हमले के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हमलों में खान यूनिस के मवासी इलाके में विस्थापित फिलिस्तीनियों के एक भीड़ भरे टेंट कैंप को निशाना बनाया गया। इस हमले में कम से कम 19 लोग मारे गए, वहीं, कई लोग मलबे में फंस गए और कई घायल हो गए। इस हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो फुटेज में कई तंबुओ में आग लगी देखी जा सकती है। वहीं, कई जगहों पर ब़ड़े-बड़े गड्ढे दिखाई दे रहे हैं।

इस्राइली सेना ने भी अपने हमले के बारे में एक बयान जारी किया है। इस बयान में आईडीएफ ने बताया कि उसने खुफिया सूचना के आधार पर खान यूनिस में हमला किया। यहां मानवीय क्षेत्र के अंदर स्थित एक कमांड और नियंत्रण केंद्र के भीतर हमास के टॉप कमांडर थे, जिन्हें निशाना बनाया गया था।

हमास के इन कमांडरो को उतारा मौत के घाट
इस्राइली सेना ने अपने बयान में बताया कि हमलों में गाजा पट्टी में हमास की हवाई इकाई के प्रमुख समर इस्माइल खादर अबू दक्का, हमास के सैन्य खुफिया मुख्यालय में निरीक्षण विभाग के प्रमुख ओसामा ताबेश और हमास के एक वरिष्ठ आतंकवादी अयमान मबौह की मौत हो गई। सेना ने यह भी कहा कि ये तीनो आतंकी 7 अक्तूबर, 2023 को दक्षिणी इजराइल पर हमास के हमले में सीधे तौर पर शामिल थे। इतना ही नहीं. ये हाल ही में इस्राइली रक्षा बलों और इस्राइल के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों की योजना बना रहे थे।

अल-फारूक मस्जिद पर भी किया हमला
इसके अलावा, इस्राइली सेना ने मध्य गाजा में ब्यूरिज शरणार्थी शिविर में अल-फारूक मस्जिद पर एक और हमला किया। इस हमले को लेकर आईडीएफ ने कहा कि उसका उद्देश्य मस्जिद के भीतर स्थित हमास के एक अन्य कमांड और नियंत्रण केंद्र को नष्ट करना था।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटरेस ने कल जताई थी चिंता
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने सोमवार को इस्राइल और हमास के बीच गाजा में चल रहे संघर्ष विराम की निगरानी करने की पेशकश की। अपने सात साल से अधिक के कार्यकाल में उन्होंने गाजा संघर्ष को अब तक की सबसे बुरी घटना बताया। साथ ही गाजा में मौत और विनाश को रोकने की मांग की।

गुटरेस ने एक साक्षात्कार में कहा, यह सोचना अवास्तविक है कि संयुक्त राष्ट्र गाजा संघर्ष को रोकने में भूमिका निभा सकता है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को इस्राइल द्वारा स्वीकार किए जाने की संभावना नहीं है। लेकिन, ‘संयुक्त राष्ट्र किसी भी संघर्ष विराम का समर्थन करने के लिए उपलब्ध रहेगा।’ संयुक्त राष्ट्र के पास 1948 से मध्य पूर्व में एक सैन्य निगरानी मिशन है, जिसे यूएनटीएसओ के नाम से जाना जाता है। गुटरेस ने कहा, ‘हमारी ओर से, यह उन परिकल्पनाओं में से एक थी, जिसे हमने मेज पर रखा है।’

इस्राइल के पूर्व सेना प्रमुख ने नेतन्याहू को दी चेतावनी
इससे पहले, हाल ही में इस्राइली युद्ध कैबिनेट के पूर्व सदस्य बेनी गैंट्ज ने चेतावनी दी थी कि इस्राइल को हिजबुल्ला और लेबनानी सीमा की ओर ध्यान देना चाहिए। यहां पहले ही देर हो चुकी है। दरअसल, साल 2011 में सीरिया में गृह युद्ध की शुरूआत के बाद से इस्राइल और ईरानी समर्थक समूह आए दिन एक दूसरे को निशाना बना रहे हैं। इस पर लेबनानी समूह का कहना है कि वह गाजा में चल रहे युद्ध में अपने सहयोगी हमास के समर्थन में काम कर रहा है।

क्या है सात अक्तूबर का मामला?
सात अक्तूबर को दक्षिणी इस्राइल में हुए आतंकवादी हमले में 1205 लोग मारे गए थे और लगभग ढाई सौ लोगों को बंधक बनाया गया था। इनमें से अभी 97 गाजा में ही है, जबकि 33 बंधकों की मौत हो चुकी है। हमास के जिस समूह ने इस्राइल पर हमला किया था, उसका नेतृत्व याह्या सिनवर ने ही किया था। इसके बाद इस्राइल ने जवाबी कार्रवाई की, जो अभी भी जारी है। हमास द्वारा संचालित क्षेत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा में इस्राइल के जवाबी हमले में अब तक कम से कम 40,972 लोग मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER