वडोदरा। गुजरात के वडोदरा में गुरुवार को हुए नाव हादसे में 14 मौतों को लेकर प्रशासन ने सख्ती बरती है। शुक्रवार को पुलिस ने इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। वहीं, दो लोग पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। गौरतलब है कि वडोदरा शहर के बाहरी इलाके में स्कूली बच्चों को सैर कराने ले जा रही नाव हरणी मोटनाथ झील में पलट गई थी। इस हादसे में 12 छात्रों और दो शिक्षकों की मौत हो गई, जबकि 18 छात्रों और दो शिक्षकों को बचा लिया गया।

पुलिस के मुताबिक, दोपहर में यह हादसा हुआ। नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार थे। स्कूली बच्चे नदी पर पिकनिक मनाने आए थे। इस घटना के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और डीएम से 10 दिन में जांच रिपोर्ट तलब की है। इससे पहले सीएम पटेल ने गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी के साथ वडोदरा के एसएसजी अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की।

कांग्रेस का सरकार पर हमला
इस घटना को लेकर वडोदरा नगरपालिका में कांग्रेस की नेता अमि रावत ने कहा कि हम इसे दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या का मामला मान रहे हैं। हम मांग करते हैं कि इस मामले की जांच कोई पदासीन जज करे। यह पूरी तरह लापरवाही का मामला है। डूबी हुई नाव में कोई लाइफ जैकेट या लाइफ गार्ड नहीं था। जिम्मेदारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने चाहिए। 2016 में जब इस प्रोजेक्ट को कॉन्ट्रैक्टर्स को सौंपा गया, तब हमने इस पर आपत्ति जताई थी।

16 लोगों की क्षमता, सवार थे 34 लोग
वडोदरा के डीएम एबी गौड़ ने कहा कि नाव की क्षमता 16 लोगों की थी, पर 34 लोग सवार थे। गुजरात के मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि हमें पता चला है कि नाव पर सवार सिर्फ 10 छात्र ही लाइफ जैकेट पहने हुए थे। जिससे पता चलता है कि संचालकों की लापरवाही के कारण इतना बड़ा हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य दोषियों को पकड़ने के लिए टीमें गठित की गई हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER