भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने सूबे की 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें हासिल कीं, जबकि कांग्रेस ने 66 सीटों पर ही सिमट गई। हालांकि मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। सीएम फेस को लेकर बीजेपी ने पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं, जो बीजेपी विधायक दल की बैठक लेंगे, जिसके बाद आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। ऐसा 19 साल बाद पहली बार है जब सीएम के लिए पर्यवेक्षक आएंगे।
बताया जा रहा है कि बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी। सोमवार शाम 7 बजे राजधानी भोपाल में बैठक होगी। बीजेपी में सीएम फेस को लेकर 19 साल बाद पहली बार ऐसी नौबत आई है कि आलाकमान को पर्यवेक्षक भेजना पड़ रहा है। 19 साल बाद पहली बार सीएम के लिए पर्यवेक्षक आएंगे। 2003 से अब तक तीसरी बार पर्यवेक्षक भेजने की स्थिति बनी। उमा भारती और बाबूलाल गौर के समय भी पर्यवेक्षक आए थे।
सोमवार को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री तय होगा। जिसको लेकर 11 तारीख को शाम 7 बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं नरसिंहपुर से नवनिर्वाचित विधायक प्रहलाद पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं दिमनी से नवनिर्वाचित विधायक नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं।
गौरतलब है कि बीजेपी ने मध्य प्रदेश के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। पार्टी ने सीएम के सिलेक्शन के लिए तीन नाम तय किए हैं। बीजेपी मध्य प्रदेश के लिए के लक्ष्मण, आशा लकड़ा और मनोहर लाल खट्टर को पर्यवेक्षक बनाकर भेज रही है। ये सभी पर्यवेक्षक राज्य में विधायक दल की बैठकें करेंगे। इसके बाद नाम का चयन होगा।