प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को नामीबिया से आए पांच मादा और तीन नर चीतों को क्वारंटाइन बाड़ों में छोड़ा था। यहां उन्हें एक महीने तक रखा जाना है। उन्हें भैंसे का मांस दिया जा रहा है, जो पिछले चार दिन में उन्होंने अच्छे से खाया है। चीतों पर नजर रखने के लिए विशेषज्ञों की टीम तैनात है, जिसका कहना है कि सोमवार को चीतों की जांच की गई। वे पूरी तरह स्वस्थ हैं और धीरे-धीरे नए माहौल में खुद को एडजस्ट कर रहे हैं। अच्छी बात यह है कि हर दिन चीतों का व्यवहार सामान्य होता जा रहा है। रुटीन चेकअप और भोजन से किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई है। एक महीने बाद उन्हें बड़े बाड़ों में छोड़ दिया जाएगा।
वनकर्मी बारी-बारी से रख रहे हैं नजर
कूनो पार्क में छह बाड़ों में इन आठ चीतों को रखा गया है। दो बाड़ों में दो-दो चीते हैं, जबकि चार बाड़ों में एक-एक चीते को रखा गया है। 30 मीटर गुणा 25 मीटर के इन बाड़ों में चीतों के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। नामीबिया के विशेषज्ञों के साथ ही वन विभाग के कर्मचारी भी इन पर नजर रख रहे हैं। दो-दो वनकर्मी एक समय पर इन चीतों पर नजर रख रहे हैं। यानी हर समय कम से कम दो वनकर्मी इनकी निगरानी कर रहे हैं।
साढ़े 11 फीट ऊंची फेंसिंग में करंट
चीतों के बाड़ों में ऊपर सोलर करंट दौड़ रहा है। यह चीतों या अन्य जानवरों के लिए प्राणघातक तो नहीं है, लेकिन उन्हें डराने के लिए काफी है। इससे उन्हें हल्का झटका लगेगा जो चीतों को बाड़ों से बाहर जाने या किसी अन्य जानवर को अंदर आने से रोकेगा। वाइल्ड लाइफ फॉरेस्ट्री सर्विसेस टेक्निकल टीम के सदस्य राजीव गोप ने बताया कि साढ़े 11 फीट ऊंची फेंसिंग में सोलर करंट दौड़ रहा है। इन बाड़ों को चार महीने की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया गया है।