TIO, वॉशिंगटन
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने कहा है कि भारत में जोश और महत्वाकांक्षा है। यही कारण है कि भारत की अर्थव्यवस्था हमेशा फलती-फूलती रहेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत की गहरी प्रशंसा और सम्मान करते हैं। दोनों देशों के बीच एक दूसरे के साथ बेहतरीन संबंध बनने जा रहे हैं। लुटनिक ने सोमवार को यहां अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) नेतृत्व शिखर सम्मेलन के आठवें संस्करण में अपने मुख्य भाषण में कहा कि भारत सबसे असाधारण अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
उन्होंने कहा, ‘एक असाधारण अर्थव्यवस्था बनाने की कुंजी लोगों का दृढ़ संकल्प है। आपके लोग व्यवसाय में होने के बारे में कितना चिंतित हैं? वे कितने उद्यमी हैं? वे अपने परिवारों के लिए बेहतर बनने के लिए कितना प्रयास करते हैं? मैं भारत के बारे में जो जानता हूं, उसके हिसाब से भारत की मुख्य आबादी में वह प्रेरणा और महत्वाकांक्षा है। यही कारण है कि भारतीय अर्थव्यवस्था हमेशा बढ़ती रहेगी और फलती-फूलती रहेगी, क्योंकि इसमें वह आधार है। इसलिए आप भारत में ऐसे काम कर सकते हैं जो कई अन्य देश नहीं कर सकते।’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ‘अमेरिका पहले’ के बारे में सोचते हैं, लेकिन वे ‘केवल अमेरिका’ या ‘सिर्फ और सिर्फ अमेरिका’ के बारे में नहीं सोचते। ल्यूटनिक ने कहा, ‘सबसे पहले उन्हें अपने देश का ख्याल रखना है, ताकि हम बड़े और मजबूत हों, लेकिन फिर वे अपने सहयोगियों का ख्याल रखेंगे। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि वे भारत का ख्याल रखें, जिसकी वे गहराई से प्रशंसा करते हैं और सम्मान करते हैं। हम एक साथ बहुत अच्छे संबंध बनाने जा रहे हैं।’
‘ट्रंप गोल्ड कार्ड’
अमेरिका में चल रही वीजा और आव्रजन चर्चाओं को लेकर भारतीय प्रतिभाओं पर एक सवाल का जवाब देते हुए ल्यूटनिक ने कहा कि अमेरिका में भारतीय उद्यमियों की सफलता, भारतीय राष्ट्रीयता के व्यक्ति अमेरिका की कई महान कंपनियों का नेतृत्व और संचालन कर रहे हैं, क्योंकि वे शानदार उद्यमी, शानदार व्यवसायी, स्मार्ट, विचारशील, हर तरह से शिक्षित हैं। मुझे लगता है कि अमेरिका के लिए आव्रजन का सामान्य मार्ग बदल रहा है। ट्रंप कार्ड सामने आ रहा है। मुझे उम्मीद है कि ट्रंप कार्ड लोगों के लिए अमेरिका आने की क्षमता रखने के लिए वास्तव में एक बड़ा अवसर पैदा करेगा।’
उनका इशारा ग्रीन कार्ड की तर्ज पर 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ‘ट्रंप गोल्ड कार्ड’ की ओर था, जो विदेशियों के लिए अमेरिका में रहने और काम करने की प्रक्रिया को तेज करेगा। ल्यूटनिक ने कहा कि उन्हें लगता है कि हम भारत में अविश्वसनीय रूप से सफल होने जा रहे हैं। इसलिए जब लोग मुझसे पूछते हैं कि आप भारत कब आ रहे हैं? तो मैं कहता हूं, जब मैं ट्रंप कार्ड लॉन्च करूंगा, तो मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं भारत आऊंगा।’
उन्होंने कहा कि लोगों के लिए दो अर्थव्यवस्थाओं भारतीय और अमेरिकी का हिस्सा बनने का यह एक शानदार अवसर है। लोग अमेरिका आकर अमेरिका में भाग ले सकेंगे। आप ग्रीन कार्ड धारक की तरह बन सकते हैं, इसके बराबर यह ट्रंप गोल्ड कार्ड है। आप इसे इस तरह से कर सकते हैं और वैश्विक कर का भुगतान कर सकते हैं या आप सब कुछ वैसे ही रख सकते हैं, जैसे वह है और केवल अमेरिकी परिसंपत्तियों पर अमेरिकी कर का भुगतान कर सकते हैं। आप अपनी वैश्विक परिसंपत्तियों पर कुछ भी नहीं देते हैं और कोई विरासत कर नहीं देते हैं, और इस तरह की कोई भी चीज़ भी नहीं।
भारत में विनिर्माण पर कही यह बात
इस सवाल के जवाब में कि क्या अमेरिका भारत में अधिक विनिर्माण को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए और अधिक काम करेगा? लुटनिक ने कहा कि अमेरिका उन्नत विनिर्माण को वापस अमेरिका में लाना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण औद्योगिक मंच है, जिससे घरेलू विनिर्माण को वापस लाया जा सके और अमेरिका में पुनःस्थापना की जा सके।’
उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से उत्पाद वर्ग हैं, जिनके उत्पादन के लिए हमें भारत से बहुत खुशी होगी। उन्होंने कहा कि एक व्यापार समझौता होगा, जिसमें कहा जाएगा कि कुछ प्रकार के उद्योगों का उत्पादन भारत के लिए बहुत अच्छा होगा। वास्तव में ऐसे बहुत से उद्योग हैं, जिन्हें हम वास्तव में भारत में लाना चाहेंगे। बात यह है कि आप एक ऐसा व्यापार सौदा बनाते हैं जो भारत को एक खास स्थिति में रखता है, क्योंकि इसका अमेरिका और कुछ उद्योगों के साथ एक विशेष संबंध होगा। इसका दुनिया के अधिकांश अन्य देशों की तुलना में बेहतर टैरिफ संबंध होगा। जिसका अर्थ है कि भारत उन प्रकार के उत्पादों का लाभार्थी होगा। उन्होंने कहा कि कुछ को अमेरिका में वापस लाने की भी आवश्यकता होगी, लेकिन उन्हें भारत के लिए अविश्वसनीय अवसर से बदल दिया जाएगा, जिसकी अर्थव्यवस्था सबसे असाधारण अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा और उभरती हुई तकनीक…
इस बारे में कि क्या वह कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा और उभरती हुई तकनीक जैसे क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग के अवसर देखते हैं? ल्यूटनिक ने कहा, ‘हमारा विचार यह है कि हम अपने सहयोगियों और अपने दोस्तों को इस तरह से गले लगाना चाहते हैं, जो बाइडन प्रशासन से भी बेहतर हैं। उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम अपने सहयोगियों से प्यार करते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे सहयोगी हमारे साथ एआई क्रांति में भाग लें। अगर भारत की इसमें रुचि है, जो निश्चित रूप से है, और वह विशाल डेटा सेंटर बनाना चाहता है, उस मॉडल का हिस्सा बनना चाहता है, तो हम तैयार हैं, इच्छुक हैं और उस रास्ते में भारत को एक भागीदार और मित्र के रूप में अपनाने के लिए तत्पर हैं।’