TIO, इंदौर।

सबकुछ लुटाकर होश में आए तो क्या किया, गीतों की ये पंक्तियां कांग्रेस पर साबित होती दिख रही है। दरअसल चुनाव बीतने के बाद कांग्रेस को नियुक्तियों की याद आ गई है। इतना ही नहीं, पीसीसी चीफ कमलनाथ के निर्देश पर संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने इंदौर में एक साथ 6-6 कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति कर डाली। गौरतलब है कि चुनावी साल में लंबे समय तक इंदौर के अध्यक्ष पद की पोस्ट होल्ड पर रखी। बाद में सुरजीत सिंह को कमान दी, लेकिन वे चुनाव से पहले कार्यकारिणी घोषित नहीं कर पाए। अब इंदौर जिले की 9 विधानसभा सीटें हारने के बाद कांग्रेस को नई नियुक्तियों की याद आई।

इतना ही नहीं इंदौर शहर में एक साथ छह कार्यकारी अध्यक्ष बना दिए, गोलू अग्निहोत्री पहले ही कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जा चुके है। यह पहला मौका है जब इंदौर में एक साथ थोक में इतने अध्यक्ष बना दिए गए हो। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह नियुक्तियां की गई है। अब इंदौर में एक नगर अध्यक्ष और सात कार्यकारी अध्यक्ष होंगे। पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अरविंद बागड़ी को अध्यक्ष बनाया, लेकिन उनका विरोध होने पर नाम होल्ड पर रख दिया गया।

छह माह बाद सुरजीत को बनाया गया अध्यक्ष
छह माह बाद सुरजीत सिंह चड्ढा को अध्यक्ष बनाया गया। अध्यक्ष पद की दौड़ में गोलू अग्निहोत्री भी थे, उन्हें भी कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया। वे चाह रहे थे कि अकेले कार्यकारी अध्यक्ष बने रहे,क्योकि प्रमोद टंडन जब शहर अध्यक्ष थे तो सिर्फ विनय बाकलीवाल को ही कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। इस बार बनाए गए कार्यकारी अध्यक्षों की सूची में अरविंद बागड़ी, अमन बजाज, अंकित खड़ायता और लक्ष्मीनारायण मिमरोट शामिल है। किसी अल्पसंख्यक नेता को कार्यकारी अध्यक्ष नहीं बनाया गया है। इस कारण कांग्रेस से जुड़े अल्पसंख्यक नेता नाराज है। सुरजीत को लोकसभा चुनाव से पहले कार्यकारिणी घोषित करने को कहा गया है, ताकि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के पास बेहतर टीम तैयार हो सके।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER